Alfaaz To Bahut Hain Mohabbat Bayan Karne Ke
Par Jo Khamoshi Na Samajh Sake Wo Alfaaz Kya Samjhega
अलफ़ाज़ तो बहुत हैं मोहब्बत बयां करने के
पर जो ख़ामोशी ना समझ सके वो अलफ़ाज़ क्या समझेगा
Alfaaz To Bahut Hain Mohabbat Bayan Karne Ke
Par Jo Khamoshi Na Samajh Sake Wo Alfaaz Kya Samjhega
अलफ़ाज़ तो बहुत हैं मोहब्बत बयां करने के
पर जो ख़ामोशी ना समझ सके वो अलफ़ाज़ क्या समझेगा